अगर बात करे टिक्की शायरी के अंदाज़ को और प्यार की भाषा को किस तरह से दिल में उतरने को तो सबसे पहले कान्हा कंबोज का नाम आता है। kanha kamboj shayari हर किसी को पसंद है। वो जिस तरह शायरी को और अपने शब्दों को पेश करते है वो लोगों के दिल में राज करते है।
इसलिये आप सभी के लिए ये पोस्ट हम लेके आए है। इस पोस्ट में हमने कुछ चुनिदा kanha kamboj ki shayari का कलेक्शन तैयार किया है। अगर आपको भी यही शायरी पढ़ने का ढूँढ रहे थे तो ये पोस्ट आपको काफ़ी हेल्प करेगी।
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Kanha Kamboj Shayari
Ye kaisa sitam tha uska, kuch palon ki mohabbat ke liye,
Mujhe saalo aazmaya gaya.
Unhone pehle meri faansi mukarar kar di,
Adalat mujhe baad mein le jayi gayi. 😓
Gira le mujhe, apni nazron se kitna hi,
Jhukne par to majboor hoon, tujhe bhi kar dunga.
Ek baar badnaam karke to dekh, mujhe mehfil mein,
Kasam se sheher mein, mashhoor main tujhe bhi kar dunga. ✨
Saari raat, use chune se darata raha,
Main bebas, bechain, bas karwatein badalta raha.
Haath to mera hi tha, uske haath mein,
Bas baat ye hai ki, zikr kisi aur ka chalta raha. 😢
Bewafai ki saari haden, wo paar kar chuki hogi,
Apne badan ki aabroo ko, wo taar taar kar chuki hogi.
Mere alawa kisi aur ke saath humbistar hokar,
Wo ye kamaal kar rahi hogi,
Kiski ungliyaan hain tere bistar par,
Uski chadar bhi usse ye sawaal kar rahi hogi. 😔
Khamoshi ka apna maza hai,
Lafz koi behra nahi dekha jaata.
Teri aankhon par kajal ki gireft to theek thi,
Ye aansuon ka pehra nahi dekha jaata. 😓
Apne hisse ki khushiyan luta du main tujh par,
Tera utara hua chehra nahi dekha jaata. 🌹
Kanha kamboj ki famous shayari
Hum tere saath zarur khulenge, sabr kar,
Ek roz tujhe akela milenge, sabr kar.
Izhaar-e-ishq mein waqt lagta hai,
Filhaal to bas itna kahenge, sabr kar. ⏳
Guzri hui zindagi ko, kabhi yaad na kar,
Taqdeer mein jo nahi, uski faryad na kar.
Jo hoga, wo hokar hi rahega,
Tu kal ki fikr mein aaj ki hasi, barbaad na kar. 😊
Suna hai, teri chahat mein mar gaye log,
Yani, bahut kuch bada kar gaye log.
Socha ki dekhein tujhe, aur dekhkar socha ye,
Tujhe dekhkar soch, kya kya kar gaye log. 😍
Kabhi aiyyasi, to kabhi ki hai mekhshi yaaron,
Par asal mein kha gayi, humein dillegi ye yaaron.
Hai zimmedari, jo zinda hai hum,
Varna nakaam ishq mein jaayaz hai, khudkhushi yaaron. 💔
ishara kahte hai kanha kamboj shayari
Tumhara har zakhm hum ghawara kehte hain,
Hai yeh sach, lo hum dubara kehte hain.
Jaan nahi milna, to saaf keh dijiyega,
Nazar jhukaane ko to hum ishara kehte hain. 💭
Kanha kamboj sad shayari
ये कैसा सितम था उसका, कुछ पलों की मोहब्बत के लिए मुझे सालो आजमाया गया।उन्होंने पहले मेरी फाँसी मुकरर कर दीअदालत मुझे बाद में ले जाया गया।।
गिरा ले मुझे, अपनी नजरो से कितना हीझुकने पर तो मजबूर में, तुझे भी कर दूंगा।एक बार बदनाम करके तो देख, मुझे महफ़िल मेंकसम से शहर में, मशहूर मैं तुझे भी कर दूंगा।।
sari raat darta raha kanha kamboj shayari
सारी रात, उसे छूने से डरता रहा मैं बेबस, बेचैन, बस करवटे बदलता रहा।हाथ तो मेरा ही था, उसके हाथ मे बस बात ये है की, जिक्र किसी ओर का चलता रहा।।
बेवफाई की सारी हदें, वो पार कर चुकी होगी अपने बदन की आबरू को, वो तार तार कर चुकी होगी।मेरे अलावा किसी ओर के साथ हमबिस्तर होकर, वो ये कमाल कर रही होगीकिसकी उंगलियां है तेरे बिस्तर पर, उसकी चादर भी उससे ये सवाल कर रही होगी।।
Kanha kamboj dard shayari in hindi
खामोशी का अपना मजा हैलफ्ज कोई बहरा नही देखा जाता ।तेरी आँखों पर काजल की गिरफ्त तो ठीक थीये आंसुओ का पहरा नही देखा जाता ।अपने हिस्से की खुशियां लुटा दु मै तुझ परतेरा उतरा हुआ चेहरा नही देखा जाता।।
हम तेरे साथ ज़रूर खुलेंगे, सब्र कर एक रोज़ तुझे अकेले मिलेंगे, सब्र कर।इजहार ए इश्क में वक्त लगता है फिलहाल तो बस इतना कहेंगे, सब्र कर।।
गुजरी हुई जिंदगी को, कभी याद न करतक़दीर में जो नहीं, उसकी फरियाद न कर।जो होगा, वो होकर ही रहेगातू कल की फिकर में आज की हंसी, बर्बाद न कर ।।
सुना है, तेरी चाहत में मर गए लोगयानी, बहुत कुछ बड़ा कर गए लोग।सोचा की देखें तुझे, और देखकर सोचा येतुझे देखकर सोचे, क्या क्या कर गए लोग।।
kanha kamboj ishq shayari in hindi
कभी अय्यास्सी, तो कभी की है मेकशी यारों पर असल में खा गयी, हमें दिल्लगी ये यारों।है ज़िम्मेदारी, जो जिंदा है हम वरना नाकाम इश्क़ में जायज है, खुदखुशी यारों
तुम्हारा हर ज़ख्म हम गबारा कहतें हैंहै यही सच, लो हम दुबारा कहतें हैं।जान नहीं मिलना, तो साफ कह दीजियेनजर झुकाने को तो हम इशारा कहतें हैं।।
जब पुकारना हो मुझे, मेरे नाम भूल जाता हैउसे इश्क़ तो आता है, मगर करना भूल जाता है।उसे कह दो, यू मुस्कुराकर न देखे मुझेये दिल पागल है, धड़कना भूल जाता है।।
एक तरफा ही, हम तुमपे मरते रहेंगेतो जान, ऐसा हम कब तक करतें रहेंगे।दोस्त बनकर रहतें हैं न, दोस्तआशिक़ी में तो, हम तुम मरते रहेंगे।।
ज़िंदगी किसी की याद में बसर हो रही है है उसी की दुआ, जो अब तक असर हो रही है ।तुम तो कहती थी, कोई तालुक नहीं रखना फिर क्यों तुम्हारी गजलें, मुझे नजर हो रही हैं।।
Kanha kamboj shayari in hindi
माना की, हम अदब से बात नहीं करतेये मानो की, हम मतलब से बात नहीं करते।ये नरम लहजा, प्यारी बातें, तेरे लिए हैहम इस लहजे में हम,सबसे बात नहीं करते।।
सब कुछ बताया जाए, तो अच्छा रहेगाअब कुछ न छुपाया जायए, तो अच्छा रहेगा।अदालत सजी है तेरे मोहल्ले में, तो कोई गिला नहींगवाह, मेरे मोहल्ले से भी बुलाया जाए तो अच्छा रहेगा।।
खिलते हुए फूलो के, रंग चुराने हैं मुझे ये मौसम, तेरे संग चुराने हैं।तेरी जैसी मूरत, एक और बनानी है मुझे तेरे सभी अंग चुराने हैं।।
तेरी हर हकीकत से, रुबरु हो गया हु मैंये पर्दा किस बात का कर रही है।एक मैं जिसका आँसू नहीं रुक रहाएक तू है, जो हंस के बात कर रही है।।
तूने रिश्ता तोड़ा है, मजबूरी होगी मैं मानता हूं मुझे तो निभाने दे, मैं तुझसे भला क्या मांगता हूं।दर्द में देखकर तू मुझे, मुस्कुरा रही है मैं कितना पागल हु, तू हँसती रहे यही दुआ मांगता हूं।।
मुझपे घर की भी जिम्मेदारियां है हम तो मजनू जैसा भी हाल नहीं कर सकते ।दुःख तो बहुत है, तेरे आशिकों के मगर मसला ये भी है की, हड़ताल नहीं कर सकते।।
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