आज का हमारा पोस्ट Heart Touching Mirza Ghalib shayari के बारे में है। इस पोस्ट ए हमने ग़ालिब से जुड़ी बहुत सारी शायरी का कलेक्शन तैयार किया है। इस सारी शायरी को हिन्दी और शेयर करने कीलिये बनाया गया है। इस पोस्ट में आप फ्री में कही भी कॉपी पेस्ट कर सकते है।
शायरी का सुनते ही ग़ालिब का नेम सबसे पहले आता है। शायरी की दुनिया में ग़ालिब बहुत बड़ा नाम है और लोग उनकी शायरी सुनते ही दीवाने हो जाते है। इसलिये आज का ख़ास पोस्ट आप लोगो के लिये लेके आये है। उमीद करते है आपको ये पोस्ट पसंद आयेगी।
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Heart Touching Mirza Ghalib shayari
हुई Muddat कि ‘Galib’ मर गया पर Yaad आता है,
वो har इक बात पर कहना कि यूँ Hota तो Kyaa होता।
Ishq पर Zor नहीं है ये वो आतिश ‘galib’,
कि Lagaye न लगे और Bujhaye न बने!
Saadagi पर उस के मर जाने की Hasrat दिल में है,
Bas नहीं चलता की फिर kHanjar काफ-ऐ-Katil में है।।
Dekhiye लाती है उस Shok की नख़वत क्या Rang,
उस की हर बात पे हम नाम-ए-Khuda कहते हैं!
Mirza ghalib 2 line shayari in hindi
Siskiya लेता है Vajud मेरा Galib,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी Yaad मुझे।।
RAngon में दौड़ते फिरने के hum नहीं Kayal
जब ankh ही से न टपका तो फिर Lahoon क्या है
Mirza Ghalib Shayari Urdu
इनकार की सी Lazzat इक़रार में कहाँ,
होता है Ishq ग़ालिब उनकी Nahi नहीं से!
Har एक बात पे kahte हो तुम कि तू Kya है
tumhi कहो कि ये Andaz-ए-गुफ़्तगू क्या है
हो चुकीं ‘Gulabi’ बलाएँ सब Tamama,
एक Marg-ए-ना-गहानी और है
Wo आए Ghar में हमारे, khuda की kudrat हैं!
कभी हम us, कभी अपने Ghar को देखते हैंl
Mirza Ghalib Shayari in Hindi
Zindagi अपनी जब इस Shakal से गुज़री,
Hum भी क्या Yaad करेंगे कि khuda रखते थे।
Humko मालूम है Jannat की hakikat लेकिन,
दिल के khush रखने को ‘Galib’ ये ख़याल Achha है ..!!
मिर्जा गालिब के दोहे
Gujar रहा हूँ यहाँ से भी Gujar जाउँगा,
मैं Waqt हूँ कहीं Thahara तो मर जाउँगा !
यही है Aajamana तो Satana किसको कहते हैं,
Adu के हो लिए जब तुम तो मेरा Imteha क्यों हो
Log कहते है Dard है मेरे Dil में
और हम Thak गए मुस्कुराते Muskurate
Jala है Jism जहाँ Dil भी jal गया होगा
कुरेदते हो जो अब Rakh जुस्तजू Kya है …!!!
मिर्जा गालिब की दर्द भरी शायरी
Tum न आए तो क्या Sahar न हुई
हाँ Magar चैन से Basar न हुईमेरा Nala सुना ज़माने ने
एक तुम हो जिसे Khabar न हुई
न था Kuch तो ख़ुदा था kuch न होता तो khuda होता,
Duboayega मुझ को होने ने न Hota मैं तो Kya होता!
Ishq मुझ को नहीं Vashhat ही सही,
मेरी Vahshat तिरी Shoaharat ही सही! ….!!
Ghalib Shayari on love
कहाँ Maykhane का Darwaja ‘ग़ालिब’ और कहाँ wise,
पर itna जानते है Kal वो जाता था के हम Nikale!
Mirza ghalib love shayari in hindi
तू ने Kasam मय-कशी की Khai है ‘GAlib’
तेरी ksam का कुछ Etbar नही है
ओहदे से मद्ह-ए-Naaz के Bahar न आ सका,
गर इक Ada हो तो उसे अपनी Kaza कहूँ!
न हुई गर Mire मरने से Tasali न सही,
इम्तिहाँ और भी Baki हो तो ये भी न सही!
Ghalib shayari on love
मैं Bulaata तो हूँ उस को Magar ऐ जज़्बा-ए-Dil,
उस पे बन Jaye कुछ ऐसी कि Bin आए न बने!
Bijali इक कौंध गयी ankhon के आगे तो क्या,
बात करते कि मैं Lab तश्न-ए-tarkinar भी था।
जाँ दर-हवा-ए-यक-निगाह-ए-गर्म है ‘असद’,
Parwanaa है Vakil तिरे दाद-ख़्वाह का!
Mirza ghalib shayari in hindi 2 lines
ग़म-ए-Rang का ‘असद’ KIs से हो जुज़ Marg इलाज,
शम्अ हर रंग में Jalati है सहर होते Tak!
mohabbat में नहीं है farak जीने और मरने का
उसी को dekh कर जीते हैं जिस Kafir पे dum निकले
आह को chahiye इक उम्र Asar होते तक,
kaun जीता है तिरी julfe के सर hote तक!
ishq ने ‘galib’ निकम्मा कर diya
warna हम भी aadmi थे काम के
Ishrat-ए-Katra है दरिया में fana हो जाना,
Dard का had से गुज़रना है Dwa हो जाना।
मिर्जा गालिब के मशहूर शेर
हुई Muddat कि ‘Galib’ मर गया पर yaad आता है,
वो हर Ik बात पर कहना कि yoon होता तो Kyaa होता !
Halat कह रहे है mulakat मुमकिन Nahi,
Ummid कह रही है thoda इंतज़ार kar।
इस sadagi पे कौन न Mar जाए ऐ khuda
लड़ते हैं और Hath में Talavaar भी नहीं
उन के dekhe से जो आ Jaati है Mooh पर Raunak
वो samjhte हैं कि Bimar का हाल Achha है
ग़ालिब की शायरी हिंदी में 2 Line
आह को चाहिए इक उमर असर होने तक कौन जीता है तेरी जुल्फ़ के सर होने तक।।
दाम हर मौज में है हल्का ए सड़कमे नहँगा, देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहार होने तक।।।
अश्की सबर तलब और तमन्ना बेताब दिलका क्या रंग करूँ ख़ूने जिगर होने तक।।
मिर्जा गालिब की दर्द भरी शायरी
हमने माना की तग़ाफ़ुल ना करो लेकिन ख़ाक हो जाएँगे हम तुमको ख़बर होने तक।।
बस की दुश्वार है हर काम का आँसा होना आदमी को भी मयससर नहीं इंसान होना।
जलवा आज बसकी तक़ाज़ा ए निगाह करता है, जौहरे आईना भी चाहे है मीजांगा होना।।
Ghalib shayari in English
Dard Minnat kashe dawa na hua, main na achha hua bura na hua ??
Jaman karte hai ho kayon rakibon ko? tk tamasha hua gila na hua..!1
hum kaha kismat aajmane jaye tu hi jab khanjar na hua…!!
Kitne shari hai tere lab ki rakib galiyan kha ke be maza na hua..!!
Hai khabar garam unke aane ki aaj hi ghar me boriya na hua…!!
Kya wo namrud ki khudayi thi , bandagi me mera bhala na hua.!!
Dayam pada hua tere dar par nahi hoon main , khak esi zindagi pe ki patthar nahi hoon main..!!
Kyon gardish e mudam se ghabara na jaye dil , Insan hoon payala o sagar nahi hoon main..!!
Hadd chahiye saza me ukubat ke vaste akhir gunhgaar hoon, kafir nahi hoon main..!!
Dhamki me mar gaya jo na babe narbard tha, ishke naarad pesha, talabgaare marad tha..!!
Tha zindagi me marag ka khatka laga hua, udane se peshtar bhi mera rang jarad tha..!!
Dil ta jigar ki sahale dariya e khud hai ab is rahugujar me jalawa e gul aage garad tha..!!
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